नमस्कार दोस्तों में हूँ सर्जन ठाकुर और आज हम बात करने वाले हैं कि क्या भारतीय क्रिकेट के खिलाड़ी सिर्फ शतक के लिए खेलते हैं ? क्या शतक मारने के बाद उनकी जिम्मेदारी ख़त्म हो जाती है ? क्या शतक मारने के बाद उन्हें ये नहीं लगता कि हम अपनी टीम के लिए रन बनायें ? इन्हीं सारे मुद्दे पर हम आज बात आपसे करेंगे।
भारत क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर है जहाँ दोनों के बीच 5 मैचों के टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। पहला टेस्ट मैच 20 जून को शुरू हुआ जहाँ इंग्लैंड ने पहले टॉस जीत कर फील्डिंग का निर्णय लिया। उसके बदले में भारत ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 471 रन जोड़े।
पहली पारी में हम बात करें तो यशस्वी जायसवाल जिन्होंने 101 रन की पारी जरूर खेली लेकिन देखा जाय तो जब तक उनका शतक नहीं हुआ वह बहुत अच्छा एकाग्र होकर बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन शतक होने के बाद और शतक का सेलिब्रेशन हो जाने के बाद उनकी एकाग्रता खत्म हो गई और वह सिर्फ 1 रन बना कर आउट हो गए तो क्या वह खिलाडी शतक के बाद भी उसी जिम्मेदारी के साथ अपनी टीम के लिए रन नहीं बना सकता था ?
इसके बाद अगर हम बात करें दूसरी पारी की जिसमें ऋषभ पंत ने एक ही मैच में अपना दूसरा शतक ठोका आपको बता दें राहुल और ऋषभ ने मिलकर 195 रनों की साझेदारी की। ऋषभ पंत ने अपनी पारी के दौरान शुरुवात में कई गैर जिम्मेदाराना शॉट्स खेले लेकिन उसके बाद उन्हें अपने विकेट की समझ आई और उन्होंने अपने आप को संभालते हुए राहुल के साथ मिलकर अच्छी पार्टनरशिप की।
ऋषभ ने दूसरी पारी में भी शतक तो जरूर बनाया लेकिन उसके बाद क्या ? शतक होते ही वो अपने आप को रोक न सके क्या उनको अपनी विकेट की अहमियत नहीं दिखी शतक होते ही उन्होंने लगातार हर बॉल पर प्रहार करना शुरू कर दिया जबकि उस समय उसकी जरूरत नहीं थी आपको अपना विकेट संभलकर एक दम से रन की गति न बढ़ाकर धीरे धीरे रन बढ़ाने की जरूरत थी लेकिन ऋषभ पंत ने शतक होते ही गैर जिम्मेदाराना शॉट खेला और अपना विकेट दे दिया।
अगर वहां पर ऋषभ पंत मौजूद होते और शतक के बाद भी राहुल के साथ जिम्मेदारी से खेलते तो भारत आराम से 450 रनों की बढ़त ले सकता था और ऐसा हम सभी फैंस को होता नजर आ रहा था लेकिन एक विकेट गिरते ही सभी खिलाड़ी एक के बाद अपना विकेट गवां कर पवेलियन की ओर लौट गए।
कहाँ गए हमारे आल राउंडर्स
भारत और इंग्लैंड टेस्ट शुरू होने से पहले हमें हमारी टीम अच्छी नजर आ रही थी जहाँ सभी लोग बैटिंग में मौजूद गहराई की बात कर रहे थे जिसमें आल राउंडर के रूप में रविंद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर को देख रहे थे लेकिन मैच के दोनों पारियों में हमारे आल राउंडर फ्लॉप साबित हुए दोनों ने ही न तो बल्लेबाजी से प्रदर्शन किया न ही अपनी गेंदबाजी से कुछ खास कर सके। आपको बता दें भारत ने अपनी पहली पारी में आखिरी के सात विकेट 41 रन पर गंवाए थे जो टेस्ट इतिहास में किसी टीम के एक पारी में तीन शतकवीर होने के बाद यह सबसे लोएस्ट टोटल है।
कैच छोड़ना पड़ा भारी
भारत को जसप्रीत बुमराह ने अच्छी शुरुआत दिलाई थी और उन्होंने पहले ही ओवर में जैक क्रॉली को आउट किया। लेकिन फिर अगले 9 ओवरों में भारतीय फील्डरों ने तीन मौके गंवाए। भारत को यह ड्रॉप काफी मंहगे साबित हुए क्योंकि डकेट ने 62 रनों की पारी खेली और उन्होंने दूसरे विकेट के लिए ओली पोप के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी की। बेन डकेट जब 15 के स्कोर पर थे तब उन्हें दो जीवनदान मिले जबकि ओली पोप का 60 के स्कोर स्लिप में खड़े जायसवाल ने कैच टपकाया।
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इस हार के साथ भारत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र (2025-27) की खराब शुरुआत की है। अंक तालिका में भारत चौथे स्थान पर है। वहीं, इंग्लैंड लीड्स टेस्ट में जीत के साथ शीर्ष पर पहुंच गया है। अब भारतीय टीम को तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी का दूसरा मुकाबला बर्मिंघम में खेलना है। यह मैच दो जुलाई से शुरू होगा।