MP के स्कूल टीचर्स हो जाएं सावधान! 1 जुलाई से नहीं चलेगा गायब रहने का बहाना, सेल्फी के बिना नहीं मिलेगी सैलरी

By
On:
Follow Us

MP News: मध्य प्रदेश में अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नई ई-अटेंडेंस प्रणाली लागू होने जा रही है।
अब शिक्षक बिना स्कूल पहुंचे सिर्फ कागज़ों पर उपस्थिति नहीं दिखा सकेंगे, क्योंकि लोकेशन के साथ सेल्फी अपलोड करना जरुरी होगा।

मध्य प्रदेश के शिक्षकों के लिए 1 जुलाई 2025 से यह व्यवस्था अनिवार्य होगी और इसके तहत लापरवाही करने वालों की सैलरी तक रुक सकती है। सरकार अब शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

देखें क्या है नया नियम और क्यों लागू किया गया?

MP के स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही लंबे समय से चर्चा में रही है, चाहे स्कूल से गायब रहना हो या किसी और को भेजकर अटेंडेंस लगवाना। लेकिन अब सरकार ने इसका तोड़ निकाल लिया है। इसके लिए सरकार ने ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्मलागूं शुरू किया है इसमें हर एक शिक्षक को स्कूल पहुंचकर सेल्फी के साथ उपस्थिति दर्ज करनी होगी।

सिर्फ इतना ही नहीं, दिन की शुरुआत और समाप्ति दोनों समय अटेंडेंस अनिवार्य होगी। इससे उन शिक्षकों पर लगाम लगेगी जो बिना पढ़ाए स्कूल से गायब रहते हैं और फिर भी सैलरी उठाते हैं। क्योंकि देखा गया है कि कई शिक्षक अपनी ड्यूटी से किसी भी समय गायब हो जाते है लेकिन अब इस नियम से सुबह से शाम शिक्षकों को स्कूल में हो रहना होगा जिससे शिक्षा वव्यस्था भी सुधरेगी। 

देखें कैसे काम करेगा नया ई-अटेंडेंस सिस्टम?

नया ई-अटेंडेंस सिस्टम की शुरुआत 1 जुलाई 2025 से अनिवार्य रूप से होगी। हर सरकारी शिक्षक को अपने मोबाइल फोन से ‘हमारे शिक्षक’ पोर्टल पर लॉग इन कर, स्कूल पहुंचने के एक घंटे के भीतर और छुट्टी से आधे घंटे पहले या बाद में सेल्फी के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इस पोर्टल में लोकेशन ट्रैकिंग भी इसी के साथ पोर्टल पर रिकॉर्ड होगी।

अगर कोई तय समय पर अटेंडेंस नहीं देता, तो उसे आधा दिन का आकस्मिक अवकाश माना जाएगा, जो उसके कुल 13 सीएल और 3 ईएल से काटा जाएगा।

देखें क्या होगा फायदा और असर?

नया ई-अटेंडेंस सिस्टम से अब वो शिक्षक जो स्कूल नहीं आते, किसी और को भेजते हैं, या लेट आते-जाते हैं उनकी अब एक-एक हरकत ट्रैक की जा सकेगी। जिससे सीधा असर शिक्षा वव्यस्था को अच्छा करने पर पड़ेगा। 

मध्य प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और बच्चों को समय पर शिक्षक उपलब्ध रहेंगे। साथ ही, नियमित और अनुशासित शिक्षकों को उनके सेवा रिकॉर्ड में ‘विशेष उपलब्धि’ के रूप में अंकित किया जाएगा, जो उनके प्रमोशन और ट्रांसफर में फायदेमंद हो सकता है।

नया ई-अटेंडेंस सिस्टम ऐसे होगा लागु

नया ई-अटेंडेंस सिस्टम का प्रायोगिक परीक्षण 23 से 30 जून तक किया जा रहा है। इसके बाद 1 जुलाई से पूरी व्यवस्था लागू हो जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया शिक्षा पोर्टल 3.0 के ज़रिए चलाई जाएगी, जिससे सभी जानकारी रियल-टाइम में अपडेट होगी। इससे शिक्षक सिर्फ अटेंडेंस ही नहीं, अवकाश के आवेदन, भत्तों की डिटेल और पेंशन प्रक्रिया भी एक ही प्लेटफॉर्म से कर सकेंगे।

देखें जनता क्या कहती है?

नया ई-अटेंडेंस सिस्टम को लेकर और इस बदलाव को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। भोपाल निवासी अंजली मिश्रा कहती हैं, “अब कम से कम ये तो तय होगा कि स्कूल में बच्चों को समय पर पढ़ाने वाले टीचर मौजूद रहेंगे।”

हालांकि कुछ शिक्षक इसे “अविश्वास का संकेत” मान रहे हैं, लेकिन अधिकतर लोग इसे अनुशासन लाने वाला कदम कह रहे हैं। हलाकि शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह भी पढ़ें – 22 June MP News: मध्य प्रदेश में मानसून की दस्तक, प्रशासन अलर्ट, बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी

मेरे अनुसार आज जब हर क्षेत्र में डिजिटल ट्रैकिंग और पारदर्शिता बढ़ रही है, तो शिक्षा जैसी अहम सेवा इससे पीछे क्यों रहे? अगर एक सिस्टम शिक्षकों को जवाबदेह बनाता है और बच्चों की पढ़ाई पर असर डालता है तो उसे स्वागत मिलना चाहिए, विरोध नहीं। और मेरे नजरिये से यह एक बहुत अच्छी पहल है हमारे मध्य प्रदेश की शिक्षा वव्यस्था को और अच्छा बनाने की दिशा में। 

अब MP के स्कूलों में शिक्षक केवल उपस्थिति दिखाकर नहीं, बल्कि सच में स्कूल जाकर पढ़ाने के लिए मजबूर होंगे।
1 जुलाई के बाद कोई बहाना काम नहीं आएगा। अब आप इस बदलाव को कैसे देखते हैं? क्या इससे स्कूलों की स्थिति सुधरेगी? नीचे कमेंट करें और अपनी राय जरूर बताएं। और ऐसी ख़बरों के लिए बने रहिये अपना कल न्यूज़ के साथ।

यह भी पढ़ें – लाड़ली बहना योजना से बदली लाखों महिलाओं की ज़िंदगी, अब हर बहन बन रही है सशक्त और आत्मनिर्भर

Leave a Comment

Your Website