MP सरकार का बड़ा फैसला: संविदा कर्मचारियों के वेतन में 2.94% की बढ़ोतरी

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मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अपने कर्मचारियों की समस्याओं और उनके हक को लेकर सजग और संवेदनशील है। राज्य के करीब 1.5 लाख संविदा कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए आज का दिन किसी त्योहार से कम नहीं रहा, क्योंकि वित्त विभाग ने सैलरी बढ़ोतरी का आदेश जारी कर दिया है जिससे लाखों संविदा कर्मचारियों को डायरेक्ट लाभ मिलेगा।

संविदा कर्मचारियों के वेतन में 2.94% वृद्धि

वित्त विभाग ने आदेश में साफ किया है कि मध्य प्रदेश में कार्यरत संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में 2.94% की वृद्धि की जा रही है। यह वृद्धि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर की गई है, जिससे यह समझा जा सकता है कि सरकार ने महंगाई के बढ़ते बोझ को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया है।

देखें कबसे मिलेगा लाभ

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि 1 अप्रैल 2025 से संविदा कर्मियों को बढ़ा हुआ वेतन मिलना शुरू हो जाएगा। यानि कि मार्च 2025 तक का वेतन पुराने हिसाब से और उसके बाद नया वेतन मिलेगा। ह वृद्धि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जुलाई 2023 को जारी सर्कुलर के आधार पर की गई है।

देखें किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा

इस फैसले का असर स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायत, ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, लोक निर्माण, सिंचाई, महिला एवं बाल विकास जैसे तमाम विभागों में कार्यरत उन संविदा कर्मचारियों पर पड़ेगा, जो सालों से राज्य सरकार के लिए सेवाएं दे रहे हैं। इनमें वो कर्मचारी भी शामिल हैं जिन्हें नियमित भर्ती का अवसर नहीं मिला, फिर भी उन्होंने वर्षों से समर्पण भाव से काम किया।

विभागों को जारी किए गए निर्देश

वित्त विभाग ने वेतनवृद्धि से जुड़ा आदेश जारी करने के साथ-साथ सभी विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों और राजस्व मंडल के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इसे यथाशीघ्र लागू करें और किसी भी स्तर पर देरी न होने दें।

वेतनवृद्धि के इस फैसले को राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। मोहन सरकार इस समय जनता के बीच ‘जनकल्याण और कर्मचारी हितैषी शासन’ की छवि मजबूत करना चाहती है, और यह फैसला उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

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यह निर्णय तब आया है जब केंद्र की मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर प्रदेश में “जन संवाद” और “जन अभियान” चलाया जा रहा है। ऐसे में यह वेतनवृद्धि एक सांकेतिक संदेश भी है – कि सरकार विकास के साथ-साथ कर्मचारियों का भी ख्याल रख रही है।

इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर कुछ अतिरिक्त भार जरूर पड़ेगा, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने यह फैसला किया। यह दर्शाता है कि सरकार लाभ के आंकड़ों से ऊपर उठकर मानव संसाधन को प्राथमिकता दे रही है।

यह वेतन वृद्धि संविदा कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक शुरुआत है, लेकिन अभी भी नियमितीकरण, स्थायी भर्ती, और सामाजिक सुरक्षा जैसे कई मुद्दे बाकी हैं। कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार इन मांगों पर भी सार्थक निर्णय लेगी।

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