MP News: भोपाल में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर हुआ महासम्मेलन सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं ये इतिहास बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब मंच से एक के बाद एक सौगातों की झड़ी लगाई, तो पूरा मध्यप्रदेश गौरव और उम्मीद से भर उठा। क्या ये शुरुआत है ‘विकसित भारत’ की असली तस्वीर की? आइए जानते हैं हर वो बात जो इस ऐतिहासिक दिन को खास बनाती है।
अहिल्याबाई होल्कर का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के मौके पर ₹300 का विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। यह सिर्फ एक प्रतीक नहीं था। यह उस सांस्कृतिक विरासत को सलाम था, जो समाज को दिशा देती है। लाखों महिलाएं, छात्राएं और आम नागरिक इस पल का गवाह बने।
इंदौर को मिली मेट्रो की बड़ी सौगात
इंदौर को मिली मेट्रो की पहली और बड़ी सौगात मध्य प्रदेश को मिली। 6 किलोमीटर का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर जैसे शहर की धड़कनों को और तेज़ कर गया। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ इंदौर, बल्कि आसपास के लाखों लोगों को सुविधा और समय की बचत होगी।
दतिया और सतना को हवाई संपर्क से जोड़ना सिर्फ कनेक्टिविटी का मामला नहीं है। ये उन छोटे शहरों के लोगों का सपना था, जिन्हें अब तक हवाई जहाज सिर्फ टीवी पर दिखते थे। अब व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य के नए रास्ते खुलेंगे।
आज यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर भोपाल में आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ में मध्यप्रदेश को जो सौगातें और हम सभी को मार्गदर्शन प्रदान किया है, उससे हमारा मध्यप्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासतों को… pic.twitter.com/nOooOMdhn6
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) May 31, 2025
क्षिप्रा नदी के घाट आस्था और पर्यटन का मेल
सिंहस्थ 2028 के मद्देनज़र पीएम मोदी ने क्षिप्रा नदी पर 30 किमी के नए घाटों की आधारशिला रखी। यह निर्माण न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे उज्जैन और आसपास के इलाकों में पर्यटन को नई ऊर्जा मिलेगी।
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अटल सेवा सदन
1271 अटल सेवा सदनों के लिए ₹483 करोड़ की राशि जारी कर पीएम मोदी ने ग्रामीण प्रशासन को तकनीकी और स्थायी आधार देने का संकल्प लिया। अब गांवों में योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर नहीं, जमीनी हकीकत बनेंगी।
देवी अहिल्याबाई राष्ट्रीय पुरस्कार
सम्मेलन में महिला सशक्तिकरण को असली रंग तब मिला जब जनजातीय और परंपरागत कारीगर महिलाओं को सम्मानित किया गया। ये सिर्फ पुरस्कार नहीं था। ये समाज को बताने का तरीका था कि नारी शक्ति सिर्फ घर नहीं, देश भी संभाल सकती है।
भोपाल के सम्मेलन स्थल पर मौजूद हजारों लोगों ने एक स्वर में कहा — “ऐसा आयोजन पहले कभी नहीं देखा।”
वहीं सतना से आई एक युवती ने कहा, “हमें तो भरोसा ही नहीं हुआ कि हमारे शहर में अब एयरपोर्ट होगा। ये सपना था, जो आज हकीकत बन गया।”
मेरे अनुसार, इस कार्यक्रम ने सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं की — इसने भावनाओं को, उम्मीदों को और भविष्य की दिशा को जोड़ा। यह वह दिन था, जब एक राज्य को नहीं, पूरे देश को विश्वास मिला कि नेतृत्व अगर मजबूत हो, तो बदलाव मुमकिन है।
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प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भोपाल से जो संदेश और सौगातें दी गईं, वो आने वाले सालों में देश के विकास की नई कहानी लिखेंगी। यह सिर्फ योजनाएं नहीं थीं, यह भारत के भविष्य की नींव थी। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।