मध्यप्रदेश में जल क्रांति की नई लहर, जल गंगा संवर्धन अभियान के 60 दिन पूरे

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MP News: जल है तो कल है” – इसी भावना के साथ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान ने अपने प्रारंभ के 60 दिन सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण है, बल्कि जल संकट की चुनौती से निपटने की एक व्यापक जनभागीदारी पहल भी बन चुका है।

अब तक की उपलब्धियाँ

73,928+ खेत-तालाब प्रारंभ ➡ जल संरक्षण के लिए किसानों ने खेत-तालाबों की खुदाई शुरू की, जिससे वर्षा जल का संचयन संभव हो सके।

93,319 कुओं का पुनर्भरण कार्य (ड्रायवेल रिचार्ज) शुरू ➡ भूजल स्तर को फिर से भरने के लिए व्यापक स्तर पर पुराने कुओं का पुनर्भरण किया जा रहा है।

16,146 पुराने जल संरचनाओं के कार्य पूर्ण ➡ पुराने जल स्रोतों का पुनरुद्धार करके उन्हें पुनः उपयोगी बनाया गया है।

1,204 अमृत सरोवरों का निर्माण प्रारंभ ➡ यह सरोवर ग्रामीण जीवन के लिए अमृत साबित होंगे – सिंचाई, पशुपालन और जलापूर्ति के लिए।

MyBharat अभियान में भागीदारी

  • अब तक 2.30 लाख+ युवाओं ने MyBharat पोर्टल पर पंजीकरण किया, जिससे यह लक्ष्य 100% पूरा हो चुका है।
  • यह युवाओं की जल संरक्षण के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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हमारा भविष्य, हमारी ज़िम्मेदारी

यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में जल संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी प्रयास है। यह केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि जन आंदोलन बन चुका है।

आप भी बनें जल प्रहरी

अपने गाँव, मोहल्ले और खेत में जल संचयन के उपाय अपनाएं।
अमृत सरोवर या रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी योजनाओं में सहभागिता करें।
युवा MyBharat पोर्टल पर रजिस्टर कर जनजागरूकता में भाग लें।

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