मध्यप्रदेश में रोजगार के नए अवसर, चुनाव से पहले 62 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती

मध्यप्रदेश में अब बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी है, जो युवा शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए एक बहुत ही खबर होने वाली है, क्योंकि बहुत जल्द शिवराज सरकार रेगुलर शिक्षकों की भर्ती करने वाले हैं, इसके लिए सीएम ने कहा है कि 10 से 12 हजार रेगुलर शिक्षकों की भर्ती करने वाले हैं। इस रेगुलर शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को 25% आरक्षण दिए जाने की बात बताई जा रही है, इस विषय में मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने चुनाव से पहले 62 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की बात कही है।

मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री जी ने कहा है कि पिछले डेढ़ साल में उनकी सरकार ने 50 हजार शिक्षकों की भर्ती की है और इसके अतिरिक्त 12 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, इसके अलावा शिक्षा मंत्री श्री इंद्र सिंह परमार जी ने बताया है कि प्रदेश में चुनाव से पहले 62 हजार शिक्षकों की भर्ती जारी करने का आदेश किया गया है।

राज्य में नए शिक्षकों की भर्ती पर जोर

बताया जा रहा है कि पिछले साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय और स्कूल शिक्षा में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी, मध्य प्रदेश सरकार चाहती है कि उनके राज्य में सरकारी स्कूलों को अधिक उन्नत और सुविधाजनक बनाया जाए, ताकि प्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति में अधिक सुधार लाया जाए और उनका यह भी कहना है कि वे प्रदेश के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाने की सोच रखते हैं, ताकि मध्यप्रदेश में लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला न देकर सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन करवाएं, इसके अलावा सीएम ने कहा कि आगामी 3 सालों में सीएम राइज स्कूल प्राइवेट स्कूल को भी पीछे छोड़ देगें।

रेगुलर टीचरों की कमी को पूरा करने का उद्देश्य

आपको बता दें कि 2022 में मध्यप्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई रिपोर्ट से पता चला था कि लगभग 87,630 अस्थाई शिक्षक के रिक्त पद हैं, इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 21 हजार स्कूलों में केवल एक-एक स्थाई शिक्षक ही मौजूद हैं, इसके अलावा राज्य में लगभग 6 हजार स्कूलों में रेगुलर शिक्षक ही नहीं है, लेकिन इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने काफी रिक्त पद पर नियुक्ति की है, और दूसरे आंकड़े जारी कर जानकारी दी है, प्रदेश में स्कूलों की स्थिति को लेकर शिवराज सरकार ने अहम फैसला किया है कि अब मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार करना आवश्यक है।

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मध्यप्रदेश के प्रत्येक सरकारी स्कूलों में रिक्त शिक्षकों की नियुक्ति होना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी तो कोई भी अभिभावक नहीं चाहेगा की अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा दें, यदि सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार लाया जाएगा तो अधिक से अधिक मात्रा में सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा और मध्य प्रदेश की जनता प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेजेगी।

मध्यप्रदेश के शिक्षकों की नियुक्ति में विरोध, 51000 पदों की मांग

दूसरी ओर, प्राथमिक शिक्षक चयन पात्रता परीक्षा 2020 के तहत वर्ग तीन के हजारों चयनित शिक्षक और शिक्षिकाएं पिछले एक से डेढ़ साल से अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही, 51000 पदों की वृद्धि की भी मांग हो रही है। इन अभ्यर्थियों ने भोपाल स्थित लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) के सामने धरना-प्रदर्शन करके अपने आवाज़ को उठाया है। इसके साथ ही, अगस्त 2023 में कुछ अभ्यर्थियों ने डीपीआई के सामने सिर मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन भी किया था।

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