मध्य प्रदेश में मानसून की दस्तक: किसानों की उम्मीदें जागीं, लेकिन दूसरी चुनौतियां भी

By
On:
Follow Us

मध्यप्रदेश में आखिरकार मानसून ने दस्तक दे दी है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, मंडला समेत कई जिलों में बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। खेतों की जुताई और बुआई शुरू हो चुकी है, लेकिन इस बीच मौसम की अनिश्चितता भी चिंता बढ़ा रही है। इस रिपोर्ट में जानिए कि मानसून कैसे बदल रहा है प्रदेश के खेती-बाड़ी का हाल। और किसान भाइयों को किस तरह सचेत रहने की आवश्यकता है। 

मध्य प्रदेश मेर मानसून से किसानों में उम्मीद

26 जून को मध्य प्रदेश में मानसून की आधिकारिक एंट्री हो गई। कई जिलों में आधी रात को एक साथ मध्यम से तेज़ बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई और सुबह से मौसम सुहाना हो गया। और इस नीच सबसे ज़्यादा राहत उन किसानों को मिली जो हफ्तों से बारिश का इंतज़ार कर रहे थे। और जिन्होनें बीते कुछ दिनों में फसलों की बुआई कर ली थी। 

भोपाल, रीवा, सतना, जबलपुर, सागर, इंदौर जैसे इलाकों में खेतों में ट्रैक्टर उतर चुके हैं। किसान बुआई की तैयारियों में जुट गए हैं। नहरों में पानी भर गया है और तालाबों का जलस्तर बढ़ने लगा है। 

खरीफ फसलों की तैयारी जोरों पर

मानसून के साथ ही खरीफ फसलों की बुआई भी शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश में खासतौर पर धान, सोयाबीन, मक्का और मूंगफली जैसी फसलें बोई जाती हैं। किसानों के लिए जून के आखिरी और जुलाई की शुरुआत के हफ्ते बेहद अहम होते हैं। और यही कारण है की किसान भाई जोर शोर से फसलों की बुआई में जुटे हुए है। 

धान की बुआई के लिए लगातार बारिश और खेतों में पानी भरना ज़रूरी होता है। वहीं सोयाबीन और मक्का जैसी फसलें कम पानी में भी पनप जाती हैं, लेकिन खेतों में नमी बनी रहनी चाहिए।

हालांकि, कई जिलों में अब तक उतनी बारिश नहीं हुई जितनी धान जैसी फसलों के लिए चाहिए होती है। ऐसे में किसान उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी ताकि फसलों को वक्त पर तैयार किया जा सके।

लेकिन मौसम की चाल भी बन रही चिंता की वजह

मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार बारिश का पैटर्न असामान्य हो सकता है। यानी कभी तेज बारिश होगी, तो कभी लंबा सूखा। इसका असर सीधे तौर पर असर किसानों को और उनकी फसलों पर पड़ेगा इस लिए जरुरी हो जाता है कि बीजों की गुणवत्ता, फसल की पैदावार और रोगों के खतरे को ध्यान में रखा जाये। 

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जलभराव और अत्यधिक नमी से फसलें सड़ सकती हैं, खासकर मूंगफली और सोयाबीन जैसी। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें और ड्रेनेज की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखें।

किसान तैयार, लेकिन मानसून पर टिकी हैं निगाहें

मध्य प्रदेश में गांव-गांव में किसान अब खेतों में उतर चुके हैं। कहीं हल चल रहा है, कहीं बीज बोए जा रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले 7 से 10 दिनों में यदि नियमित बारिश होती रही, तो बुआई का समय सही रहेगा और उत्पादन अच्छा हो सकता है।

यह भी पढ़ें – MP Anganwadi Bharti 2025: मध्य प्रदेश के इन गावों में निकली आंगनवाड़ी की सरकारी भर्ती, ऐसे करें मोबाइल से आवेदन

मध्य प्रदेश सरकार भी इस बीच अलर्ट मोड पर है और कृषि विभाग ने किसानों को सावधानीपूर्वक खेती करने की सलाह दी है। कई जिलों में कीटनाशकों और खाद के स्टॉक भी तैयार रखे गए हैं।

अपना कल की टीम ने गांवों में किसानों से बात की जिसमे मिला-जुला माहौल दिखा। कुछ किसान खुश हैं कि आखिरकार बारिश आ गई, वहीं कुछ अब भी मौसम की अनिश्चितता से परेशान हैं।
रीवा जिले के किसान रामबाबू कहते हैं, “अगर दो-तीन बारिश और हो गई, तो हम धान बो देंगे, वरना इंतज़ार करना पड़ेगा।”
वहीं सागर के एक किसान ने कहा, “बारिश आई है लेकिन रुक गई तो फिर से दिक्कत आ जाएगी।”

क्या आपको लगता है कि इस बार का मानसून मध्य प्रदेश के किसानों की किस्मत बदल पाएगा? क्या मौसम की चाल फिर से किसानों के लिए चिंता का कारण बनेगी? अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं। और इस तरह की ख़बरों के लिये अपना कल के साथ जुड़े रहें। 

यह भी पढ़ें – MP News: अकेले रहने वाले माँ-बाप के लिए सरकार ने शुरू किया एक नई योजना, भोपाल को भी मेट्रो की सौगात

Leave a Comment

Your Website