नमस्कार दोस्तों मध्यप्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है जहां 12 वीं कक्षाओं के पेपर लीक के मामलों के खिलाफ सख्त कदम उठायें जा रहे हैं साथ ही बोर्ड ने उन 2 लाख छात्रों को चेतावनी दी है जो टेलीग्राम और अन्य ग्रुप्स से जुड़े हुए हैं जहाँ पेपर बेचें जा रहे हैं ऐसे विद्यार्थियों को बोर्ड शिक्षा मंडल ने तुरंत ही चैनल से हटने का निर्देश दिया है अगर फिर भी ये छात्र ग्रुप्स नहीं छोड़ते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
25 फरवरी से शुरू हुई 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के पहले दिन यह खबर आई कि कुछ टेलीग्राम ग्रुप्स पर पेपर लीक हो रहे हैं। इन ग्रुप्स पर 200 से 2000 रुपये तक में पेपर बेचे जा रहे थे। इन ग्रुप्स में करीब 2 लाख से ज्यादा छात्र जुड़े हुए पाए गए मामले की गंभीरता को देखते हुए बोर्ड ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और साइबर क्राइम को इसकी जानकारी दी।
सभी छात्रों को केंद्र पर समय से पहले पहुँचने के निर्देश
बोर्ड ने परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए छात्रों को सुबह 8 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुँचने के निर्देश दिए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर सुरक्षित रहे और किसी भी तरह का पेपर लीक न हो।
इसे भी पढ़ें – इन 11 जिलों से गुजरेगी हाइवे की सड़क, जमीन मालिक हुए करोड़पति
पेपर बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई
मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है आपको बता दें कि ये आरोपी विभिन्न टेलीग्राम ग्रुप्स के माध्यम से छात्रों को पेपर बेच रहे थे। इनके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और संदिग्ध पेपर भी जब्त किए गए हैं। पुलिस अन्य ग्रुप्स की भी निगरानी कर रही है और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छात्र अक्सर ऐसे ग्रुप्स के झाँसे में आ जाते हैं जो उन्हें परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने का वादा करते हैं। इन ग्रुप्स पर वे पैसों का लालच देकर पेपर खरीदते हैं, लेकिन अंत में यह उनके लिए परेशानी का कारण बनता है। बोर्ड ने छात्रों और उनके अभिभावकों से अपील की है कि वे इस तरह के प्रलोभनों से बचें।
ऐसे लोगों की कैसे करें शिकायत
यदि किसी को ऐसे ग्रुप्स की जानकारी हो तो वह सीधे साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 18002330175 या अन्य आधिकारिक नंबरों पर संपर्क कर सकता है। यह मामला परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। एमपी बोर्ड ने जो सख्त कदम उठाए हैं वे न केवल छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक हैं बल्कि शिक्षा व्यवस्था में विश्वास बहाल करने का प्रयास भी हैं।
इसे भी पढ़ें – MP बोर्ड परीक्षा 2025: सख्त नियम, समय से पहुँचना जरूरी, नकल रोकने के लिए कड़े इंतज़ाम