CM Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को एक बार फिर खुशखबरी मिल गई है आपको बता दें कि इस बार मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 22वीं किस्त के 1552.73 करोड़ रुपये बहनों के खातों में ट्रांसफर किए हैं। इसके साथ ही 26 लाख बहनों को सिलेंडर रीफिलिंग के लिए 55.95 करोड़ रुपये की राशि भी जारी की गई है। इसके बाद पुनः लाड़ली बहना योजना की अगली किस्त अप्रैल में जारी होगी।
22 महीनों में 22,227 करोड़ रुपये का सीधा लाभ
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक लाड़ली बहना योजना के तहत कुल 22,227.89 करोड़ रुपये बहनों के खातों में भेजे जा चुके हैं। अगर प्रत्येक महिला का हिसाब लगाया जाये तो अब तक प्रत्येक लाड़ली बहनों को 25000 रुपये तक लाभ मिल चुका है। इस योजना के जरिए हर महीने महिलाओं को आर्थिक मजबूती दी जा रही है, जिससे वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकें।
उज्ज्वला योजना के तहत 825 करोड़ की सहायता
लाड़ली बहना योजना के साथ-साथ पीएम उज्ज्वला गैस योजना के तहत भी बहनों को बड़ी राहत दी गई है। अब तक 825 करोड़ रुपये की राशि सिलेंडर रीफिलिंग के लिए दी जा चुकी है, जिससे लाखों परिवारों को रसोई गैस की सुविधा सुलभ हो रही है। सरकार का उद्देश्य महिलाओं को घरेलू जिम्मेदारियों में आर्थिक सहयोग देना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की बहनों के खाते में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत ₹1250 की राशि अंतरित करूँगा।
सभी लाड़ली बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
8 मार्च, 2025
सुबह 11:00 बजे
कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर, भोपाल#अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस pic.twitter.com/OYfs550BpY— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 8, 2025
लाड़ली बहना योजना न केवल आर्थिक मदद देती है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इस योजना से लाभान्वित होने वाली महिलाएं अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार ला रही हैं।
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लगातार हर महीने लाड़ली बहनों को किश्त प्राप्त होने के बाद लाड़ली बहनों को उनकी 23वीं किश्त अप्रैल में मिलेगा। मोहन सरकार की मंशा साफ है कि इस योजना को निरंतर जारी रखा जाएगा ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में कोई बाधा न आए।